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Ayurveda treatment for Menopause

रजोनिवृति (Menopause)
यह अधिकतर उन स्त्रियों को होता है जिनकी उम्र 40 से 50 वर्ष होती है। इसमें स्त्रियों का मासिकधर्म आना बंद हो जाता है। इसे ही रजोनिवृति कहते हैं। यदि किसी स्त्री को 6 महीने तक मासिकधर्म न आये तो यह मान लेना चाहिए कि उसे रजोनिवृति हो गई है ओर यदि 6 महीने बीत जाने पर फिर से मासिकधर्म हो जाये तो इसे रजोनिवृत्योन्तर रक्तस्राव (योनि से खून का निकलना) होना कहते हैं। रजोनिवृति के समय शरीर में कुछ परिवर्तन होते हैं जिनके लक्षणों से अक्सर स्त्रियां परेशान और भयभीत हो जाती हैं।इस समय मे आप बिलकुल भी भयभीत अथवा परेशान नही हो इस समय अपने नजदीकी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह करे ।इस रोग से पीड़ित कुछ स्त्रियों को ऐसा भी लगने लगता है कि रजोनिवृति (मासिकधर्म बंद होना) होने के कारण उनके बुढापे का आरम्भ और सौंदर्य का अंत होना शुरू हो गया है लेकिन ये सभी प्रकार की शंकाएं गलत हैं।

*☘रजोनिवृति रोग तीन प्रकार का होता है:-*

पहला रजोनिवृति वह है जिसमें स्त्री स्वस्थ तो होती है लेकिन बिना किसी परेशानी के उसका मासिकधर्म अचानक बंद हो जाता है व स्त्री को इस बात का पता भी नहीं चलता है।

दूसरा रजोनिवृति रोग वह है जिसमें स्त्री का मासिकधर्म धीरे-धीरे कम होकर बंद हो जाता है।

तीसरा रजोनिवृति वह है जिसमें स्त्री का मासिकधर्म आने का चक्र अनियमित हो जाता है और मासिकधर्म के 2 चक्रों के बीच का अंतर बढ़ जाता है।

*स्त्रियों को रजोनिवृति रोग होने का लक्षण:-*
जब रजोनिवृति (मासिकधर्म बंद होना) किसी स्त्री को होता है तो उस स्त्री को गर्मी अधिक लगने लगती है तथा उसके शरीर से पसीना निकलने लगता है।
इससे पीड़ित स्त्री को नींद पूरी नहीं आती है तथा मानसिक अवसाद हो जाता है डॉ०.आलोक जैन बता रहे है की स्त्री के हृदय की धड़कन बढ़ जाती है तथा उसके हाथ-पैरों पर चीटियां सी रेंगने तथा सुई सी चुभन महसूस होती है।स्त्री के सिर में दर्द, कान में अजीब-अजीब सी आवाजें आना, जोड़ों में दर्द, कमर में दर्द तथा चिड़चिडा़पन हो जाता है रजोनिवृति से पीड़ित स्त्रियों की अत:स्रावी ग्रंथियां प्रभावित हो जाती हैं जिस कारण से उसकी आवाज भारी हो जाती है।
रजोनिवृति रोग से पीड़ित स्त्रियों की दाढ़ी-मूंछ उगने लगती हैं तथा स्त्री को मोटापा रोग हो जाता है। स्त्री के बाल झड़ने लगते हैं तथा उसकी त्वचा रूखी हो जाती है और उसे थकावट भी होने लगती है।रजोनिवृति से स्त्री का दिमाग चिड़चिड़ा हो जाता है तथा उसमें मानसिक एकाग्रता की कमी हो जाती है।

रजोनिवृति रोग होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-*
जब स्त्री को रजोनिवृति हो जाता है तो उसे अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि स्त्री अपने खान-पान तथा दिनचर्या पर विशेष ध्यान देती है तो उसका स्वास्थ्य सही हो जाता है तथा रजोनिवृति हो जाने के बाद भी उसका स्वास्थ्य और सौंदर्य बना रहता है। अपनी सेहत पर अच्छी तरह से ध्यान देने से स्त्रियां कभी-कभी तो पहले से भी ज्यादा अच्छी तथा आकर्षक लगती हैं। रजोनिवृति होने के समय स्त्रियों की शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्थिति बड़ी नाजुक होती है। इसलिए परिवार के सदस्यों को तथा खासतौर से पति को पत्नी के साथ सहानुभूति पूर्ण और सहयोगात्मक व्यवहार करना चाहिए। रजोनिवृति के समय में स्त्रियों की देखभाल सही तरीके से न हुई हो तो उसे गर्भाशय से सम्बंधित रोग हो सकते हैं या फिर स्त्रियों को मानसिक रोग भी हो सकते हैं।रजोनिवृति रोग होने के लक्षण अधिक होना इस बात को बताते हैं कि रोगी स्त्री के शरीर में विजातीय द्रव्य (दूषित द्रव्य) बहुत अधिक है। इसलिए रोगी स्त्री को प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार कराना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित स्त्री को विटामिन `सी´, `डी´, `ई´ तथा कैल्शियम दे भरपूर भोजन करना चाहिए जिसमें फल, अंकुरित अन्न, सब्जियां, गिरी तथा मेवा अधिक मात्रा में हो। इसके अलावा रोगी स्त्री को फलों का रस अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। चुकन्दर का रस पीना भी बहुत अधिक लाभदायक होता है लेकिन इसे थोड़ी मात्रा में लेना चाहिए।

Perimenopause (Menopause)
This is most of the women whose age is 40 to 50 years. In this the māsikadharma of women stops coming. This is called as perimenopause. If a woman does not come for 6 months, then it should be accepted that she has become perimenopause and if she is once again after 6 months, it is called rajōnivr̥tyōntara bleeding (blood from the vagina). Are. At the time of the perimenopause, there are some changes in the body whose symptoms often make women upset and scared. In this time you are not afraid or upset at this time, consult your nearest gynecologist doctor. Some women suffering from this disease seem to have started to be the beginning of their old age and the end of the beauty, but all these kinds of doubts are wrong.

*☘रजोनिवृति disease is of three types :-*

The first perimenopause is the one in which the woman is healthy but without any trouble her māsikadharma suddenly stops and the woman does not even know about this.

Another perimenopause disease is the one in which the woman of the woman closes slowly.

The third perimenopause is the one in which the woman of the woman’s arrival is irregular and the difference between the 2 Chakras of the māsikadharma increases.

* Women are symptom of having a perimenopause disease :-*
When a woman has to be closed, her woman seems to be more hot and sweating from her body.
The woman suffering from this does not come to sleep and becomes mental depression. Dr 0. Alok jain is telling that the heartbeat of the woman increases and her hands are like a reptile and a needle-like nip. The pain in the woman’s head, the strange sounds in the ear, the pain in joint, pain in the back and the ciṛaciḍāpana become the ciṛaciḍāpana of the women who suffer from the perimenopause, the so glands are affected by the reason that her voice becomes heavier.
Women who suffer from perimenopause disease are grown up and the woman gets obese. Woman’s hair is loss and her skin gets appealing and she starts getting tired. A woman’s mind gets irritated and she has a lack of mental concentration.

Treatment from natural therapy when perimenopause is disease :-*
When the woman gets perimenopause, she should pay special attention to her khan-Pan. If a woman gives special attention to her khan and her routine, her health becomes correct and she remains health and beauty even after being perimenopause. By giving well attention to your health, women are sometimes better and attractive than ever. Women’s physical, emotional and mental conditions are very delicate while being perimenopause. So the family members and especially the husband should be sympathetic and collaborative behavior with the wife. In the time of the perimenopause, the women’s care is not in the right way, then it may be related to the uterine disease or the women may also have mental diseases. The symptoms of having a perimenopause disease are more likely to say that the patient is very high in the body of the woman. So the patient should treat the woman with natural medicine.
The woman who is suffering from this disease should have vitamin ‘ C ‘,’D ‘, ‘ E ‘ and calcium de full food that has fruit, sprouted food, vegetables, giri and fruits. Also patient woman should consume fruit juice in more quantities. Drinking beet juice is also a lot more profitable but it should take a little quantity.

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