चक्र जागरण के मंत्र….
*मूलाधार चक्र – “ ॐ लं परम तत्वाय गं ॐ फट “
* स्वाधिष्ठान चक्र – “ ॐ वं वं स्वाधिष्ठान जाग्रय जाग्रय वं वं ॐ फट “
* मणिपुर चक्र – “ ॐ रं जाग्रनय ह्रीम मणिपुर रं ॐ फट“
* अनाहत चक्र – “ ॐ यं अनाहत जाग्रय जाग्रय श्रीं ॐ फट * विशुद्ध चक्र – “ ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विशुद्धय फट “
* आज्ञा चक्र – “ ॐ हं क्षं चक्र जगरनाए कलिकाए फट “
* सहस्त्रार चक्र – “ ॐ ह्रीं सहस्त्रार चक्र जाग्रय जाग्रय ऐं फट “
बीज मंत्र , जिनकी 108 माला करनी है ( एक दिन मे एक चक्र पर ही 108 माला करना है … मूलाधार से आरंभ करना है )-
1 मूलाधार – “ लं “
2 स्वाधिष्ठान- “ वं “
3 मणिपुर – “ रं “
4 अनाहत- “ यं “
5 विशुद्ध – “ हं “
6 आज्ञा – “ ॐ “
7 सहस्त्रार – “ ॐ “
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