*विरूद्ध आहार व संग आहार की विशेष जानकारी*
कुछ खाने पीने की वस्तुऐ अकेली तो अमृत तुल्य गुणकारी होती है परंतू अन्य वस्तुओ के साथ मिल जाने पर ये जहर का काम करती है ।कुछ द्रव्य या वस्तुऐ परस्पर गुण विरूद्ध, कुछ द्रव्य संयोग विरूद्ध, कुछ द्रव्य संस्कार विरुद्ध, कुछ द्रव्य देशकाल और मात्रा आदि से विरूद्ध होते है। गुण विरूद्ध जैसे मछली और दूध का सेवन करने से सफेद कुष्ठ (सफेद दाग) होने का भय रहता है । इसी प्रकार संयोग विरूद्ध जैसे दूध और मूली ,संस्कार जैसे कांसे के पात्र मे दस दिन रखा हुआ घी ,काल विरूद्ध जैसे शीतकाल मे शीतल और रूखी वस्तुओ का सेवन या रात मे सत्तू का सेवन आदि परस्पर विरोधी खाने पीने के पदार्थो के प्रयोग से बचने से अनेकानेक रोगो से सहज ही बचा जा सकता है । ऐसा ही कुछ
*विरूद्ध (नुकसानदायक) संयोगो की सूचि नीचे दी जा रही है*
A) हानिकारक (अहितकारी) संयोग :-
1) दूध के साथ :- दही ,नमक,इमली,खरबूजा,बेलफल,नारियल, मूली और मूली के पत्ते, तोरई,गुड या गुड का हलवा ,तिलकुट,तेल,कुलथी,सत्तू, खट्टे फल,खटाई आदि ।
2) दही के साथ :-
खीर,दूध,पनीर,गर्म खाना या गर्म वस्तु, खरबूजा आदि।
3) खीर के साथ :-
खिचडी,कटहल,खटाई,सत्तू, शराब आदि।
4) शहद के साथ :-
मूली,अंगूर,वर्षा का जल,गर्म वस्तुऐ या गर्म जल आदि।
5) शीतल जल के साथ :-
मूँगफली, घी,तेल,तरबूज,अमरूद,जामुन,खीरा,कोठी, नेता, गर्म दूध या गर्म पदार्थ आदि ।
6) घी के साथ: –
शहद (समान मात्रा मे )
7) खरबूजा के साथ :-
लहसून ,मूली के पत्ते ,दूध,दही ।
8) तरबूज के साथ :-
पुदीना,शीतल जल ।
9)चाय के साथ :-
ककडी ,खीरा,नमकीन,बिस्कुट आदि।
10) चावल के साथ :-सिरका ।
B) *हितकारी (लाभदायक) साथ साथ खाने का संयोग* :-
1 ) खरबूजा के साथ मिश्री ।
2)आम के साथ गाय का दूध ।
3) केले के साथ इलायची ।
4) खजूर के साथ दूध ।
5) चावल के साथ दही ।
6)चावल के साथ नारियल की गिरी ।
7)अनाज या दाल के साथ दूध और दही ।
8)इमली के साथ गुड ।
9)अमरूद के साथ सौंफ ।
10) तरबूज के साथ गुड ।
11) मकई के साथ मट्ठा ।
12)बथुआ और दही का रायता ।
13)गाजर और मैथी का साग ।
C) *ज्यादा खाने पीने से हुए अजीर्ण/ विकार का खानपान द्वारा इलाज* :-
यदि किसी वस्तु के अधिक खाने पीने से अजीर्ण या विकार उत्पन्न हो जाए तो उसे दूर करने के लिए निम्न सूची के अनुसार हितकारी संयोग वाली अन्य वस्तु लेकर कई दुष्परिणामों से बचा जा सकता है ।
1) केले से उत्पन्न विकार के लिए :- एक दो छोटी इलायची ।
2) आम से उत्पन्न विकार के लिए :-दो चार जामुन अथवा दूध अथवा एक ग्राम सौंठ के चूर्ण की गुड मे गोली बनाकर खाना ।
3) जामुन से उत्पन्न विकार के लिए :-दो आम lथवा थोडा नमक ।
4) खरबूजा से उत्पन्न q के लिए: -आधा कप मिश्री का शर्बत ।
5) तरबूज़ा से उत्पन्न विकार के लिए :-एक दो ग्राम नमक अथवा एक लौंग ।
6) सेब से उत्पन्न विकार के लिए :- एक चम्मच गुलकंद अथवा एक ग्राम दालचीनी ।
7) अमरूद से उत्पन्न विकार के लिए :- सौंफ ।
8) नीबू से उत्पन्न विकार के लिए :- नमक ।
9) बेर से उत्पन्न विकार के लिए :- गन्ना चूसना अथवा सिरका अथवा गर्म पानी।
10) गन्ने से उत्पन्न विकार के लिए :- तीन चार बेर ।
11) चावल से उत्पन्न विकार के लिए :- नारियल की गिरी का टुकडा अथवा अजवाइन अथवा दही अथवा गर्म दूध ।
12) उडद से उत्पन्न विकार के लिए :-गुड ।
13) मूंग,माह,चने की दाल से उत्पन्न विकार के लिए :-सिरका ।
14) मटर से उत्पन्न विकार के लिए :- अदरक या सौंठ ।
15) अनाज या दाल से उत्पन्न विकार के लिए :- दूध अथवा दही ।
16) बेसन से उत्पन्न विकार के लिए :- गर्म मसाले अथवा मूली के पत्ते ।
17) इमली से उत्पन्न विकार के लिए :-गुड ।
18) मूली से उत्पन्न विकार के लिए :- मूली के पत्ते अथवा तिल चबाकर खाना ।
19) बैंगन से उत्पन्न विकार के लिए :- सरसो का तेल ।
20) शकरकंद से उत्पन्न विकार के लिए :- गुड ।
21) जिमिकंद से उत्पन्न विकार के लिए :- गुड ।
22) मकई से उत्पन्न विकार के लिए :-मट्ठा ।
23) घी से उत्पन्न विकार के लिए :-काली मिर्च अथवा गर्म पानी ।
24) बदबूदार या पुराने घी से उत्पन्न विकार के लिए: – नीबू का रस ।
25) खीर से उत्पन्न विकार के लिए :- काली मिर्च ।
26) लड्डू से उत्पन्न विकार के लिए :- पीपल ।
27) पुरी कचौड़ी से उत्पन्न विकार के लिए: – गर्म पानी ।
28) अमरूद या कफकारी दुर्गुण से उत्पन्न विकार के लिए :- नमक काली मिर्च लगाकर खाना ।
29) खुरमानी से उत्पन्न विकार के लिए :- ठंडा पानी ।
30) मूंगफली से उत्पन्न विकार के लिए :- गाय का मटठा/गुड ।
D) *विभिन्न अंग्रेजी औषधियो के दुष्प्रभाव का इलाज* :-
1) कुनैन के दुष्प्रभाव (मस्तिष्क मे चक्कर आना,तबियत घबराना ) का इलाज :- नीबू का प्रयोग ।
2) विभिन्न सल्फा ड्रग (प्रतिकूल लक्षण) के दुष्प्रभाव का इलाज :- नीबू का प्रयोग ।
3) ऐलोपैथिक दवाओ के प्रयोग के दुष्प्रभाव (गर्मी से शरीर मे छाले,पैरो मे जलन) का इलाज :- प्रातः आंवला मुरब्बा एक नग और दोपहर गुलकंद एक चम्मच लगातार कुछ दिन लेना है ।
4) गर्म वस्तुओ के सेवन से उत्पन्न दुष्प्रभाव (शरीर मे गर्मी, अंदर की जलन,गर्मी के चक्कर, जी मिचलाना) का इलाज :- सफेद जीरा और मिश्री बराबर मात्रा मे मिलाकर एक चम्मच भर फककी लेकर पानी पी ले अथवा धनिया दाना और मिश्री मिलाकर एक चम्मच भर पानी के संग लेना
परस्पर विरुध्द आहार
1 दूध और कटहल का कभी भी एक साथ सेवन नहीं करना चाहिये ।
2. दूध और कुलत्थी भी कभी एक साथ नहीं लेना चाहिए।
3. नमक और दूध (सेंधा नमक छोड़कर) दूध और सभी प्रकार की खटाइयां, दूध और मूँगफली, दूध और मछली, एक साथ प्रयोग ना करें।
4. दही गर्म करके नहीं खाना चाहिये हानि पहुँचती है, कढ़ी बनाकर खा सकते हैं।
5. शहद और घी समान परिणाम में मिलाकर लेना विष के समान है।
6. जौ का आटा कोर्इ अन्न मिलाये बिना नहीं लेना चाहिए।
7. रात्रि के समय सत्तू का प्रयोग वर्जित है, बिना जल मिलाये सत्तू ना खायें।
8. तेज धूप में चलकर आने के बाद थोड़ा आराम करके ही पानी पियें, व्यायाम या शारीरिक परिश्रम के तुरन्त बाद पानी ना पियें या थोड़ी देर बाद पानी पियें और भोजन के प्रारम्भ में पानी पीना वर्जित है।
9. प्रात:काल भोजन के पश्चात तेज गति से चलना हानिकारक है।
10. शाम को खाने के बाद थोड़ी देर चलना आवश्यक है, खाना खाकर तुरन्त सो जाना हानिकारक है।
11. रात्रि में दही का सेवन निषेध है, भोजन के तुरन्त बाद जल का सेवन निषेध है। दिन में भोजन के बाद मठ्ठा और रात्रि में भोजन के बाद दूध लेना लाभदायक होता है। वात के रोगों में ब्लड एसिडिटी, कफ वृद्धि या संधिवात में दही ना खायें।
12. शौच क्रिया के बाद, भोजन से पहले, सर्दी-जुकाम होने पर, दांतों में पीव आने पर और पसीना आने की दशा में पान का सेवन नहीं करना चाहिए।
13. सिर पर अधिक गर्म पानी डालकर स्नान करने से नेत्रों की ज्योति कम होती है जरूरत पड़ने पर गुनगुने पानी से स्नान कर सकते हैं।
14. सोते समय सिर पर कपड़ा बांधकर सोना, पैरों में मोजे पहनकर सोना, अधिक चुस्त कपड़े पहनकर सोना हानिकारक है।
15. शहद कभी भी गर्म करके ना खायें, छोटी मधुमक्खी का शहद सर्वोत्तम होता है।
16. तेज ज्वर आने पर तेज हवा, दिन में अधिक देर तक सोना, अधिक परिश्रम, स्नान, क्रोध आदि से बचना चाहिये।
17. नींद लेने से पित्त घटता है, मालिश से वात कम होता है और उल्टी करने से कफ कम होता है एवं उपवास करने से ज्वर शांत होता है।
* special information about diet and dietThe things of drinking some food are alone like nectar, but if you get along with other items, it works like poison. Some fluids or objects against mutual properties, some matter against coincidence, some spices, some fluids, and quantity etc. Eating fish and milk is the fear of having white leprosy. In the same way, incidentally, milk and radish, rituals like sanskar, ten days of ghee in the pot of period, as well as the intake of soft and dry items in the winter or the intake of sattu in the night, and the use of the use of drinking anti-food It can be easily saved from many others. Something like this* the list of against the against is being given below *A) Harmful (Ahitakārī) Coincidence :-1) with milk :- Curd, salt, Tamarind, melon, bēlaphala, coconut, radish and radish leaves, tōra’ī, good or good ka halwa, tilkut, oil, kulathī, sattu, sour fruit, khatai etc.2) with curd :-Kheer, milk, cheese, hot food or hot object, melon etc.3) with kheer :-Foods, jackfruit, khatai, sattu, wine etc.4) with honey :-Radish, grapes, rain water, hot items or hot water etc.5) with soft water :-Peanut, ghee, oil, watermelon, guava, berries, cucumber, kothi, leader, hot milk or hot substance etc.6) with gheeHoney (in the same quantity)7) with the melon :-Garlic, radish leaves, milk, curd.8) With Watermelon :-Mint, soft water.9) with tea :-Cucumber, cucumber, salty, biscuits etc.10) with rice :- Vinegar.B) * the coincidence of eating together (Profitable) :-1) Mishri with melon.2) cow milk with mango.3) Cardamom with banana.4) milk with dates.5) curd with rice.6) Coconut fall with rice.7) milk and curd with cereal or lentils.8) good with tamarind.9) Fennel with guava.10) good with watermelon.11) Whey with corn.12) Raita and curd raita.13) Carrot and radish greens.C) * Treatment by eating food / disorder by eating more :-If eating more food is caused by an anxiety or disorder, it can be avoided by the following list to avoid many duṣpariṇāmōṁ with other items of salutary coincidence.1) for banana arising disorder :- a two little cardamom.2) for a common disorder :- Food by making a bullet of two four berries or milk or a gram of sauṇṭha powder.3) for the disorder arising from berries :- two common l. A little salt.4) for q generated from melon half cup of mishri.5) for disorder arising from tarabūzā :- one two grams of salt or a clove.6) for an apple arising disorder :- a spoon of gulkand or a gram of cinnamon.7) for the disorder arising from guava :- Fennel.8) Salt for lemon caused disorder.9) for disorders arising from plum :- Cane sucking or vinegar or hot water.10) for the disorder caused by sugarcane :- three four berries.11) for the disorder of rice :- a piece of coconut fall or celery or curd or hot milk.12) for the disorder caused by the ASD :- Good.13) for the disorder arising from moong, month, gram pulses :- Vinegar.14) for pea arising disorder :- Ginger or sauṇṭha.15) milk or curd for a disorder caused by grains or pulses.16) for the disorder caused by besan :- Hot spices or radish leaves.17) for tamarind disorder :- Good.18) for radish disorder :- eating radish leaves or mole.19) for the bowel disorder :- Kerosene Oil.20) for disorder arising from, :- Good.21) for the disorder arising from the jimikanda :- Good.22) for the disorder arising from the corn :- Whey.23) for the disorder caused by ghee :- Pepper or hot water.24) for the disorder arising from smelly or old ghee: – Lemon Juice.25) for the disorder arising from kheer :- Pepper.26) for the disorder caused by laddu :- people.27) for disorder arising from puri kachori: – Hot water.28) for the disorder arising from guava or kaphakārī vice :- Eating salt pepper.29) cold water for the disorder caused by khuramānī.30) for groundnut disorder :- Cow’s maṭaṭhā / good.D) * treat the side effects of various english auṣadhiyō * :-1) the treatment of quinine (Dizziness, health and health) of the quinine :- using lemon.2) treating the side effects of various salphā drug (adverse symptoms) :- using lemon.3) Treatment of ailōpaithika davao’s use (heat in body and irritation in the body) :- Morning Amla Jam one ng and afternoon gulkand one spoon to take a few days.4) the treatment of hot items (heat in the body, heat in the body, heat dizziness, ji) :- White Cumin and mishri in equal quantity, drink a spoon of water and drink water or coriander. Taking Dana and mishri with a spoonful of waterConflicting diet1 milk and jackfruit should never be consumed together.2. Milk and kulat’thī should never be taken together.3. Salt and milk (except rock salt) milk and all types of khaṭā’iyāṁ, milk and peanuts, milk and fish, do not use together.4. Curd should not be eaten by heating, it is harmful, you can eat it by making a curry5. Honey and ghee in the same result are like poison.6. Barley Flour should not be taken without adding corn.Use of sattu is prohibited at 7. Night, do not eat sattu without adding water.8. After walking in the fast sun, drink water by taking a little rest, do not drink water immediately after exercise or physical diligence or drink water after a little while and drink water at the beginning of food.Walking Fast After 9. Morning meal is harmful.10. in the evening, it is necessary to walk a while after eating, it is harmful to sleep immediately after eating food.Curd intake is prohibited in 11. Night, water intake is prohibited immediately after food. After eating food in the day, it is beneficial to take milk after eating at night and after dinner. Do not eat curd in the diseases of the vata, increase the cough or the curd.After the 12. Toilet Action, before eating, there should be cold-cold, when there is no sweating in the teeth, and in the condition of sweating.13. by adding more warm water on the head, the light of the eyes is less than the light of the eyes. If you need, you can bath with lukewarm14. While sleeping, wearing cloth on your head is gold, wearing socks in the feet and gold, wearing more tight clothes is harmful.15. Honey never eat warm, the little bee’s honey is the best.16. Strong air when it comes to a high fever, it should be avoided for more than a long time, more diligence, bath, anger, etc.17. Sleep lowers bile, massage lowers the vata, and vomiting lowers the cuff, and fasting makes the fever cool.
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