यदि मनुष्य परिस्थितिवश अमूल्य रत्न धारण न कर सकें तो ग्रहों से संबंधित जड़ी धारण करना भी फलकारक होता है। विधि-विधान से धारण की गई जड़ी भी रत्न के समान ही फलकारक होती है।
प्रत्येक ग्रह की जड़ी को रविवार को पुष्य नक्षत्र में धारण करना चाहिए। जड़ी एक दिन पूर्व शनिवार को सायंकाल स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण कर उस वृक्ष का विधिवत पूजन करके कार्य सिद्धि के लिए उससे प्रार्थना करें व दूसरे दिन शुभ समय पर उसकी जड़ ले आए।
जड़ी को ग्रह के रंग के धागे में पिरोकर पुरुषों को दाहिनी भुजा में व स्त्रियों को बांयी भुजा में पहनना चाहिए।
ग्रह जड़ी
1. सूर्य विल्वमूल
2. चंद्र खिरनी मूल
3. मंगल अनंतमूल
4. बुध विधारा की जड़
5. शुक्र सिंहपुछ की जड़
6. शनि बिच्छोल की जड़
7. राहु खेत चंदन की जड़
8. केतु अश्वगंध की जड़
9. गुरु भारंगी/केले की जड़
विशेष : वृक्ष या पौधा न मिलने पर पंसारी से जड़ खरीदकर पूजा आदि के बाद आस्था व विश्वास के साथ धारण करनी चाहिए। इष्ट देव व ग्रह स्वामी का ध्यान करके व ग्रह के मंत्र का जाप करके जड़ी धारण करने से कार्यसिद्धि अवश्य होती है।
If a man can not hold the precious jewels, then he is also able to wear the herbs of the planets. The Herb of law-legislation is also the same as a gem.Every planet’s herb should be held on Sunday in pushya nakshatra. One day on the eve of Saturday, bath in the evening and wear pure clothes and pray to him for the accomplishment of the tree and take his root on the other day.The Herbs should be wear in the colored thread of the planet and wear the women in the right arm and the women in the left arm.Planet Herbs1. Sun Vilvamūla2. Lunar know original3. Mars Anantamūla4. The Root of mercury vidhārā5. The Root of Venus Sinhapucha6. The Root of shani bicchōla7. Rahu Farm Sandalwood Root8. Root of ketu aśvagandha9. Guru Bhāraṅgī / banana rootSpecial: if you do not get tree or plant, you should buy root from grocer and imbibe with faith and faith after worship etc. By taking care of the Lord and the planet of the planet, it is necessary to chant the mantra of the planet and chant the mantra
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