अदरख
विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)
हिचकी:
सभी प्रकार की हिचकियों में अदरक की साफ की हुई छोटी डली चूसनी चाहिए।
अदरक के बारीक टुकड़े को चूसने से हिचकी जल्द बंद हो जाती है। घी या पानी में सेंधानमक पीसकर मिलाकर सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है।
एक चम्मच अदरक का रस लेकर गाय के 250 मिलीलीटर ताजे दूध में मिलाकर पीने से हिचकी में फायदा होता है।
एक कप दूध को उबालकर उसमें आधा चम्मच सोंठ का चूर्ण डाल दें और ठंडा करके पिलाएं।
ताजे अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके चूसने से पुरानी एवं नई तथा लगातार उठने वाली हिचकियां बंद हो जाती हैं। समस्त प्रकार की असाध्य हिचकियां दूर करने का यह एक प्राकृतिक उपाय है।
पेट दर्द:
अदरक और लहसुन को बराबर की मात्रा में पीसकर एक चम्मच की मात्रा में पानी से सेवन कराएं।
पिसी हुई सोंठ एक ग्राम और जरा-सी हींग और सेंधानमक की फंकी गर्म पानी से लेने से पेट दर्द ठीक हो जाता है। एक चम्मच पिसी हुई सोंठ और सेंधानमक एक गिलास पानी में गर्म करके पीने से पेट दर्द, कब्ज, अपच ठीक हो जाते हैं।
अदरक और पुदीना का रस आधा-आधा तोला लेकर उसमें एक ग्राम सेंधानमक डालकर पीने से पेट दर्द में तुरन्त लाभ होता है।
अदरक का रस और तुलसी के पत्ते का रस 2-2 चम्मच थोड़े से गर्म पानी के साथ पिलाने से पेट का दर्द शांत हो जाता है।
एक कप गर्म पानी में थोड़ा अजवायन डालकर 2 चम्मच अदरक का रस डालकर पीने से लाभ होता है।
अदरक के रस में नींबू का रस मिलाकर उस पर कालीमिर्च का पिसा हुआ चूर्ण डालकर चाटने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
अदरक का रस 5 मिलीलीटर, नींबू का रस 5 मिलीलीटर, कालीमिर्च का चूर्ण 1 ग्राम को मिलाकर पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।
मुंह की दुर्गध :
एक चम्मच अदरक का रस एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुख की दुर्गन्ध दूर हो जाती है।
दांत का दर्द:
महीन पिसा हुआ सेंधानमक अदरक के रस में मिलाकर दर्द वाले दांत पर लगाएं।
दांतों में अचानक दर्द होने पर अदरक के छोट-छोटे टुकड़े को छीलकर दर्द वाले दांत के नीचे दबाकर रखें।
सर्दी की वजह से दांत के दर्द में अदरक के टुकड़ों को दांतों के बीच दबाने से लाभ होता है।
भूख की कमी:
अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को नींबू के रस में भिगोकर इसमें सेंधानमक मिला लें, इसे भोजन करने से पहले नियमित रूप से खिलाएं।
पानी में गुड़, अदरक, नींबू का रस, अजवाइन, हल्दी को बराबर की मात्रा में डालकर उबालें और फिर इसे छानकर पिलाएं।
गला खराब होना:
अदरक, लौंग, हींग और नमक को मिलाकर पीस लें और इसकी छोटी-छोटी गोलियां तैयार करें। दिन में 3-4 बार एक-एक गोली चूसें।
पक्षाघात (लकवा) :
घी में उड़द की दाल भूनकर, इसकी आधी मात्रा में गुड़ और सोंठ मिलाकर पीस लें। इसे दो चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार खिलाएं।
उड़द की दाल पीसकर घी में सेकें फिर उसमें गुड़ और सौंठ पीसकर मिलाकर लड्डू बनाकर रख लें। एक लड्डू प्रतिदिन खाएं या सोंठ और उड़द उबालकर इनका पानी पीयें। इससे भी लकवा ठीक हो जाता है।
पेट और सीने की जलन:
एक गिलास गन्ने के रस में दो चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच पुदीने का रस मिलाकर पिलाएं।
वात और कमर के दर्द:
अदरक का रस नारियल के तेल में मिलाकर मालिश करें और सोंठ को देशी घी में मिलाकर खिलाएं।
पसली का दर्द:
30 ग्राम सोंठ को आधा किलो पानी में उबालकर और छानकर 4 बार पीने से पसली का दर्द खत्म हो जाता है।
चोट लगना, कुचल जाना:
चोट लगने, भारी चीज उठाने या कुचल जाने से पीड़ित स्थान पर अदरक को पीसकर गर्म करके आधा इंच मोटा लेप करके पट्टी बॉंध दें। दो घण्टे के बाद पट्टी हटाकर ऊपर सरसो का तेल लगाकर सेंक करें। यह प्रयोग प्रतिदिन एक बार करने से दर्द शीघ्र ही दूर हो जाता है।
संग्रहणी (खूनी दस्त):
सोंठ, नागरमोथा, अतीस, गिलोय, इन्हें समभाग लेकर पानी के साथ काढ़ा बनाए। इस काढे़ को सुबह-शाम पीने से राहत मिलती है।
ग्रहणी (दस्त):
गिलोय, अतीस, सोंठ नागरमोथा का काढ़ा बनाकर 20 से 25 मिलीलीटर दिन में दो बार दें।
भूखवर्द्धक:
दो ग्राम सोंठ का चूर्ण घी के साथ अथवा केवल सोंठ का चूर्ण गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-सुबह खाने से भूख बढ़ती है।
प्रतिदिन भोजन से पहले नमक और अदरक की चटनी खाने से जीभ और गले की शुद्धि होती है तथा भूख बढ़ती है।
अदरक का अचार खाने से भूख बढ़ती है।
सोंठ और पित्तपापड़ा का पाक (काढ़ा) बुखार में राहत देने वाला और भूख बढ़ाने वाला है। इसे पांच से दस ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करें।
सोंठ, चिरायता, नागरमोथा, गिलोय का काढ़ा बनाकर सेवन करने से भूख बढ़ती है और बुखार में भी लाभदायक है।
अजीर्ण:
यदि प्रात:काल अजीर्ण (रात्रि का भोजन न पचने) की शंका हो तो हरड़, सोंठ तथा सेंधानमक का चूर्ण जल के साथ लें। दोपहर या शाम को थोड़ा भोजन करें।
अजवायन, सेंधानमक, हरड़, सोंठ इनके चूर्णों को एक समान मात्रा में एकत्रित करें। एक-एक चम्मच प्रतिदिन सेवन करें।
अदरक के 10-20 मिलीलीटर रस में समभाग नींबू का रस मिलाकर पिलाने से मंदाग्नि दूर होती है।
उदर (पेट के) रोग:
सोंठ, हरीतकी, बहेड़ा, आंवला इनको समभाग लेकर कल्क बना लें। गाय का घी तथा तिल का तेल ढाई किलोग्राम, दही का पानी ढाई किलोग्राम, इन सबको मिलाकर विधिपूर्वक घी का पाक करें, तैयार हो जाने पर छानकर रख लें। इस घी का सेवन 10 से 20 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम करने से सभी प्रकार के पेट के रोगों का नाश होता है।
बहुमूत्र:
अरदक के दो चम्मच रस में मिश्री मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
बवासीर के कारण होने वाला दर्द:
दुर्लभा और पाठा, बेल का गूदा और पाठा, अजवाइन व पाठा अथवा सौंठ और पाठा इनमें से किसी एक योग का सेवन करने से बवासीर के कारण होने वाले दर्द में राहत मिलती है।
मूत्रकृच्छ (पेशाब करते समय परेशानी):
सोंठ, कटेली की जड़, बला मूल, गोखरू इन सबको दो-दो ग्राम मात्रा तथा 10 ग्राम गुड़ को 250 मिलीलीटर दूध में उबालकर सुबह-शाम पीने से मल-मूत्र के समय होने वाला दर्द ठीक होता है।
सोंठ पीसकर छानकर दूध में मिश्री मिलाकर पिलाएं।
Infrared
Treatment in various diseases (treatment of various diseases)
Hiccup:
In all kinds of hiccups, ginger should be cleaned with ginger.
By sucking the fine pieces of ginger, the hiccups stops soon. The hiccups stops from mixing salt in ghee or water.
With a teaspoon of ginger juice, 250 ml of cow is benefited by drinking in fresh milk.
Boil a cup of milk with half a teaspoon of ginger and drink it cold.
By sucking the small pieces of fresh ginger, the old and new and continuous hiccups turn off. It is a natural remedy to remove all kinds of chronic hiccups.
Stomach Pain:
Eat Ginger and garlic with the same amount of water in the quantity of a teaspoon.
The Seasoned Ginger is a gram and a little asafoetida and with the funky hot water of salt, the stomach pain gets cured. Drinking a teaspoon of ginger and sprinkle a glass of water in a glass of water can cause abdominal pain, constipation, indigestion.
The Ginger and mint juice, with half-half taking a village, is quick to gain a stomach pain.
Ginger Juice and basil leaf juice 2-2 spoon with a little hot water makes the stomach pain calm down.
A cup in hot water, with a little thyme in the hot water, benefits by drinking a ginger juice.
A lemon juice in ginger juice makes it relax by licking the pepper powder on it.
Ginger Juice 5 ml, Lemon Juice 5 ml, Pepper Powder Over 1 grams of abdominal pain ends.
Mouth of mouth:
A teaspoon of ginger juice gets rid of the mouth of the mouth with a glass of hot water.
Tooth Pain:
Put finely powdered salt in ginger juice with pain on the teeth.
Press and hold the small pieces of ginger in the teeth, and press and hold under the toothache.
Because of the winter, it benefits the ginger pieces between teeth in the teeth of the teeth.
Lack of hunger:
Get the small pieces of ginger soaked in lemon juice and get salt in it, feed regularly before eating it.
Ginger, Ginger, lemon juice, celery and turmeric in the water, boil in the same quantity of turmeric and then bring it back.
Bad Voice:
Take a piece of ginger, cloves, cloves and salt and prepare its small pills. 3-4 times a day kiss one bullet.
Paralysis:
The pulse of the urad dal in ghee, the half of it, with jaggery and ginger. Feed It 3 times a day in the amount of two spoons.
Make the pulse of urad dal in the ghee and then put it in a good place by making jaggery and jaggery in it. Eat a laddu every day or ginger and fly boiling water with them. It also gets paralysed.
Stomach and chest irritation:
One glass of sugarcane juice with two spoons of ginger juice and a teaspoon of mint juice.
Weather and waist pain:
Ginger Juice massage in coconut oil and feed the ginger in desi ghee.
Real Pain:
30 grams of ginger in half a kilo of water and the chānakara of 4 times will end the pain of the real.
Hurt, crush:
To get hurt, pick up the heavy thing or blow up the ginger in the place of the victim, heat it with a half-Inch Fat Quilt and Patti Dam. After two hours, move the bar and use mustard oil. This use every day the pain goes away soon.
Saṅgrahaṇī (bloody diarrhoea):
The Ginger, the nagas, the nagas, the giloy, made them with the water with the water. This evening gets relief by drinking in the morning and evening.
Grahak (diarrhoea):
Give 20 to 25 ml a day by making the brew of giloy, exaggeration, ginger nagda.
Bhūkhavard’dhaka:
Two grams of ginger powder with ghee, or only ginger powder increases with hot water every morning to eat hunger.
Eating salt and ginger chutney before eating every day is the purification of the tongue and the throat and the hunger increases.
Eating ginger pickle increases hunger.
The stomach of the ginger and the gall-Lrb-Brew-RRB-is to increase the relief and appetite in fever. Eat it every day in the amount of five to ten grams.
Ginger, Salicylic, nagda, consumption of giloy is increasing by consumption and is beneficial in fever.
Diffuse:
If in the morning, there is no doubt about the dinner-Lrb-Dinner-RRB -, with the water of haraṛa, ginger and sēndhānamaka. Have a little meal afternoon or evening.
Collect the thyme, sēndhānamaka, haraṛa, and ginger powders in a similar quantity. Eat one spoon every day.
A 10-20-ml juice in ginger is far away from the feeding of lemon juice.
Abdomen-Lrb-Gut-RRB-Disease:
Ginger, harītakī, bahēṛā, Amla make them a kalka. Cow Ghee and Sesame Oil, half a kilogram, curd water and half a kg, all of them clean up the ghee, and keep them ready. The use of this ghee is to destroy all kinds of stomach diseases in the early morning of 10 to 20 grams.
Multi-Urine:
In the two spoon juice of the two tablespoons of juice, it is beneficial to eat the morning and evening.
Pain caused by piles:
The Durlabhā and text of the bell, the pulp of the bell and the text, the celery and the text, or the textbook, are relieves the pain due to piles of piles.
Mūtrakr̥ccha (trouble while pissing):
The Root of ginger, kaṭēlī, called the original, Gōkharū-Lrb-Two-two gram-RRB-and 10 grams of jaggery in 250 ml milk is well-known for the time of faeces.
1 Comment
It is the valuable information
Add Comment