ग्रहों का मानव जीवन पर प्रभाव से इंकार नहीं किया जा सकता ,
मैं ज्योतिष को एक मार्गदर्शक के रूप मे देखता हूँ …
यदि संबन्धित ग्रह का जप पूर्व ही कर लिया जाये तो , शत्रु ग्रह की पीड़ा से बचा जा सकता है और मित्र ग्रह को बलवान बनाया जा सकता है ।
अपने ज्ञान अनुसार नौं ग्रहों के मंत्र दे रहा हूँ –
* सूर्य –
“ॐ भास्कराय विधमहे महातेजाये धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात ”
वैदिक मंत्र –
“ॐ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्न मृतं मर्त्त्यंन्च हिरण्येन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्। ”
वैदिक मंत्र से सूर्य भगवान को प्रातः काल जल का अर्ध्य सिंदूर या लाल फूल डालकर देना चाहिए।
” जपाकुसुम संकाश्म काश्पेयम मह धृयुतिम !
तमोsरिं सर्व पापघ्नं प्रणोतोsस्मि दिवाकरम !! ”
जप संख्या – 7,000
तांत्रिक मंत्र –
1. ॐ ह्रां हृीं हृौं सः सूर्याय नमः
2. ॐ घृणिम सूर्य आदित्य श्रीं
सूर्य के उपर्युक्त मंत्र का जप अठ्ठाईस हजार करना चाहिए।
आदित्य हृदय स्तोत्रम् का पाठ चालीस दिन करना चाहिए।
सूर्य यंत्र –
सूर्य के यंत्र को भोजपत्र पर अष्टगंध से अनार की कलम से रविवार को लिख कर पंचोपचार पूजन कर, अथवा ताम्र पत्र पर गुरु पुष्य, रवि पुष्य, अमृत योग काल उत्कीर्ण करा कर लाल धागे में गूंथ कर गले या बांह में रविवार को प्रातः काल धारण करना चाहिए।
* चन्द्र –
” ॐ अमृतांगाय विद्यमहे कलारूपाय धीमहि तन्नोः सोमः प्रचोदयात् ”
वैदिक मंत्र –
ॐ इमं देवा असपलग्वं सुबध्वं महते क्षत्रय महते ज्येष्ठयाय महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय !
इमममुष्य पुत्रमनुष्यै पुत्र मस्यै विशएष वोऽमी राजा सोमेऽस्माकं ब्रह्मणानाग्वं राजा !! ”
” दधिशंख तुषाराभाम क्षीरोदार्ण वसंभवम !
नमामि शशिनम सोमं शंभोर्मुकूटम भूषणम !! ”
जप संख्या – 11,000
वैदिक मंत्र से सायं काल दुग्ध से चंद्रमा को अर्ध्य देना चाहिए।
तांत्रिक मंत्र –
1. ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः
2. ॐ सों सोमाय नमः
चंद्रमा के उपर्युक्त मंत्र का 44,000 जप करना चाहिए।
* मंगल –
” ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् ”
इस मंत्र का नित्य 108 बार जप करना चाहिये।
वैदिक मंत्र –
” ॐ अग्निर्मूर्द्धादवः ककुत्पति पृथिव्याअयमपाग्वं रेताग्वंसि जिन्वति ! ”
जप संख्या – 10,000
” धरणीगर्भसंभूतम विध्युतकान्ति समप्रभम !
कुमारं शक्तिहस्तम च मंगलम प्रणमाम्यहं !! ”
वैदिक मंत्र से मंगलवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर, चोला, जनेऊ, लाल फूल, लड्डू चढ़ाना चाहिए।
तांत्रिक मंत्र –
1. ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
2. ॐ अं अंगारकाय नमः
मंगलवार के दिन मंगल के तांत्रिक मंत्र का 40,000 का जप करना चाहिए।
* बुध –
” ॐ सौम्यरूपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि, तन्नो सौम्यः प्रचोदयात् ”
वैदिक मंत्र –
” ॐ उद्बुधस्याग्ने प्रति जागृहित्वमिंष्टापूर्ते सग्वं सृजेथामयंन्च।
अस्मिन्सद्यस्ते अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवायजमानश्य सींदत् ! ”
” प्रियंगुकलिकाश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम !
सौम्यम सौस्युगुनोपेतं तं बुधम प्रणमाम्यहं !! ”
जप संख्या – 4,000
तांत्रिक मंत्र –
1 ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
2 ॐ बुं बुधाय नमः
बुध ग्रह के तांत्रिक मंत्र का 36,000 जप करना चाहिए।
* गुरु –
ॐ अन्गिर्साय विधमहे दिव्यदेहाय धीमहि, जीव: प्रचोदयात ”
वैदिक मंत्र –
” ॐ बृहस्पते अतियदर्योअर्ध्नाद्युमद्धि भातिक्रतुमज्जनेषु
यदीदयच्छवसऽऋत प्रजात तदस्मासु द्रविणं द्येहिचित्रम् ! ”
” देवानां च ऋषिनां च गुरूं कांचनसन्निभम !
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशम तं नमामि बृहस्पतिम !! ”
जप संख्या – 19,000
तांत्रिक मंत्र –
1 ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः
2 ॐ बृं बृहस्पत्यै नमः
गुरु के किसी तांत्रिक मंत्र का 76,000 हजार जप करना चाहिए।
* शुक्र –
” ॐ भृगुजाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो शुक्रः प्रचोदयात् ”
वैदिक मंत्र –
ॐ अन्नात्परश्रिुतो रसं ब्राह्मण व्यपिवत्क्षत्रं पयः सोमं प्रजापतिः।
ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपानग्वं शुक्रमन्ध्रंस इन्द्रस्येन्द्रियर्मिदं पयोऽमृतं मुम !
” हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम् !
सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम् !! ”
जप संख्या – 16,000
तात्रिंक मंत्र –
1 ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः
2 ॐ शुं शुक्राय नमः
शुक्र के किसी भी तांत्रिक मंत्र का 64,000 हजार जप करना चाहिए।
गायत्री मंत्र ऊँ
* शनि –
” ॐ भग्भवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि तन्नः शनि प्रचोदयात् ”
वैदिक मंत्र –
ॐ शन्नोदेवीरभीष्टये आपो भवन्तु पीतये संयोरभिश्रवण्तु नः
” नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम !
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम !! ”
जप संख्या – 23,000
तांत्रिक मंत्र –
1 ॐ प्रां प्रौं सः शनये नमः
2 ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः
3 ॐ शं शनैश्चराय नमः
शनि के किसी भी
स्थति में जप करे
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