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Triphala and its benefits

चिकित्सा और सावधानिया –
त्रिफला के ऊपर उपचार
मित्रो बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी
पूरा पढ़िये ।
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आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर मे जितने
भी रोग होते है वो त्रिदोष: वात, पित्त, कफ के बिगड़ने
से होते है । वैसे तो आज की तारीक मे
वात,पित कफ को पूर्ण रूप से समझना सामान्य वुद्धि के व्यक्ति के
बस की बात नहीं है । लेकिन आप थोड़ा
समझना चाहते है तो इतना जान लीजिये ।
सिर से लेकर छाती के मध्य भाग तक जितने रोग होते
है वो कफ के बिगड़ने के कारण होते है ,और छाती
के मध्य से पेट खत्म होने तक जितने रोग होते है तो पित्त के
बिगड़ने से होते है और उसके नीचे तक जितने रोग
होते है वो वात (वायु )के बिगड़ने से होते है । लेकिन कई बार
गैस होने से सिरदर्द होता है तब ये वात बिगड़ने से माना जाएगा ।
( खैर ये थोड़ा कठिन विषय है )
जैसे जुकाम होना ,छींके आना ,खांसी होना
ये कफ बिगड़ने के रोग है
तो ऐसे रोगो मे आयुवेद मे तुलसी लेने को कहा जाता है
क्यों कि तुलसी
कफ नाशक है ,
ऐसे ही पित्त के रोगो के लिए जीरे का
पानी लेने को कहा जाता है क्योंकि जीरा
पित नाशक है ।
इसी तरह मेथी को वात नाशक कहा जाता
है लेकिन मेथी ज्यादा लेने से ये वात तो संतुलित हो
जाता है लेकिन ये पित को बढ़ा देती है ।
महाऋषि वागभट जी कहते है की
आयुर्वेद ज़्यादातर ओषधियाँ वात ,पित या कफ नाशक
होती है लेकिन त्रिफला ही एक मात्र
ऐसे ओषधि है जो वात,पित ,कफ तीनों को एक साथ
संतुलित करती है
वागभट जी इस त्रिफला की
इतनी प्रशंसा करते है की उन्होने
आयुर्वेद मे 150 से अधिक सूत्र मात्र त्रिफला पर
ही लिखे है । की त्रिफला को इसके साथ
लेंगे तो ये लाभ होगा त्रिफला को उसके साथ लेंगे तो ये लाभ होगा ।
त्रिफला का अर्थ क्या है ?
त्रिफला = तीन फल
कौन से तीन फल ??
1) आंवला
2) बहेडा
3) हरड़
इन तीनों से बनता है त्रिफला चूर्ण ।
वागभट जी त्रिफला चूर्ण के बारे मे और बताते है कि
त्रिफला चूर्ण मे तीनों फलो की मात्रा
कभी समानय नहीं होनी
चाहिए । ये अधिक उपयोगी नहीं होता
(आज कल बाज़ारों मे मिलने वाले लगभग सभी त्रिफला
चूर्ण मे तीनों फलों की मात्रा बराबर
होती है )
त्रिफला चूर्ण हमेशा 1:2:3 की मात्रा मे
ही बनाना चाहिए
अर्थात मान लो आपको 200 ग्राम त्रिफला चूर्ण बनाना है
तो उसमे
हरड चूर्ण होना चाहिए = 33.33 ग्राम
बहेडा चूर्ण होना चाहिए= 66.66 ग्राम
और आमला चूर्ण चाहिए 99.99 ग्राम
तो इन तीनों को मिलाने से बनेगा सम्पूर्ण आयुर्वेद मे
बताई हुई विधि का त्रिफला चूर्ण । जो की
शरीर के लिए बहुत ही
लाभकारी है ।
वागभट जी कहते है त्रिफला का सेवन अलग-अलग
समय करने से भिन्न-भिन्न परिणाम आते है ।
रात को जो आप त्रिफला चूर्ण लेंगे तो वो रेचक है अर्थात (सफाई
करने वाला)
पेट की सफाई करने वाला ,बड़ी आंत
की सफाई करने वाला शरीर के
सभी अंगो की सफाई करने वाला ।
कब्जियत दूर करने वाला 30-40 साल पुरानी कब्जियत
को भी दूर कर देता है ये त्रिफला चूर्ण ।
और सुबह त्रिफला लेने को पोषक कहा गया , अर्थात अगर
आपको पोषक तत्वो की पूर्ति करनी है
वात-पित कफ को संतुलित रखना है तो आप त्रिफला सुबह
लीजिये सुबह का त्रिफला पोषक का काम करेगा !
और अगर आपको कब्जियत मिटानी है तो त्रिफला
चूर्ण रात को लीजिये
त्रिफला कितनी मात्रा मे लेना है ?? किसके साथ लेना
है
रात को कब्ज दूर करने के लिए त्रिफला ले रहे है तो एक
टी स्पून (आधा बड़ा चम्मच) गर्म पानी
के साथ लें और ऊपर से दूध पी लें
सुबह त्रिफला का सेवन करना है तो शहद या गुड़ के साथ लें
तीन महीने त्रिफला लेने के बाद 20 से
25 दिन छोड़ दें फिर दुबारा सेवन शुरू कर सकते हैं ।
इस प्रकार त्रिफला चूर्ण आपके बहुत से रोगो का उपचार कर
सकता है
इसके अतिरिक्त अगर आप राजीव भाई द्वारा बताए
आयुर्वेद के नियमो का भी पालन करते हो तो ये
त्रिफला और भी अधिक और शीघ्र लाभ
पहुंचाता है
जैसे मेदे से बने उत्पाद बर्गर ,नूडल ,पिजा आदि ना खाएं ये कब्ज
का बहुत बड़ा कारण है ,रिफाईन तेल कभी ना खाएं
,हमेशा शुद सरसों ,नारियल ,मूँगफली आदि का तेल खाएं
,सेंधा नमक का उपयोग करें ।

*⚫चिकित्सा therapy and sāvadhāniyā –
Treatment over the triphala
Very important information friends
Read full.
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According to Ayurveda in our body
There are also diseases that are also the disease: the bad of the water, the pain of the cold.
It happens. By the way in today’s star
Wow, the person of the common person should be understood completely.
It’s not a matter of bus. But you a little
If you want to understand then know this much.
From head to the middle of the chest, all the diseases.
They are due to the spoiled of the chest, and the chest
From the middle of the stomach till the end of the stomach, then of the stomach.
Getting spoiled and all the diseases that are under it.
They are due to the spoiled of the air. But many times
If gas causes a headache, then it will be considered to be spoiled.
(well this is a little tough topic)
Such as being cold, mashed, being cough
This is the disease of getting spoiled
So this is called to take tulsi in āyuvēda.
Because Tulsi
The Kaif is a doubt,
For the diseases of the pain like this
It is called to take water because of the jeera
The drink is a doubt.
This is how fenugreek was called vata
But if you take more, this thing should be balanced.
Goes but it increases the drink.
Great Rishi Vāgabhaṭa ji says that
Ayurveda is most of the medicine, drink or cuff
There is only one but triphala
There is such an attitude that all three are together.
Does balance
Vāgabhaṭa ji of this triphala
They appreciate so much that they are
More than 150 sources in Ayurveda only on triphala
This is written. To the triphala with this
If you take it then this will be the benefit if you take the triphala with him, then it will be the benefit.
What is the meaning of triphala?
Triphala = three fruits
Which three fruits??
1) Amla
2) Baheda
3) Harad
These three are made of these three.
Vāgabhaṭa ji tells more about the triphala powder.
The amount of three fruits in triphala powder.
Never to be a society
Wanted. This is not much useful
(almost all the results found in the market these days.
The amount of three fruits in powder is equal.
It happens)
Triphala Powder always in the amount of 1:2:3
This should be made
Believe that you have to make 200 Gram Triphala Powder
So in him
Hard should be crushed = 33.33 GM
Baheda should be crushed = 66.66 GM
And we want to be crushed 99.99 gram
So these three will be made in the whole Ayurveda.
The Triphala of the method told. Of which
Too much for the body
It’s beneficial.
Vāgabhaṭa ji says the eating of the results is different.
Time brings different results.
If you break the triphala at night, that is a laxative (cleaning).
To do)
Stomach cleaning, big stomach
The cleaning of the body
The one who clean up all the math.
30-40 years old constipation of constipation
It also takes away the triphala.
And the morning was called nutrition, that means if
You have to fill the nutrition
If you want to keep the-Balanced, you will be in the morning.
Take the morning triphala will work!
And if you want to remove the wrist then triphala
Take the powder on the night
How much do you have to take the triphala?? with whom to take
Is
Taking the triphala to remove the cubs at night so one
Tea Spoon (half big spoon) Hot water
Take with and drink milk from above
If you want to eat triphala in the morning, take it with honey or honey.
From 20 after taking three months of triphala
Leave 25 days then you can start eating again.
This is how you can treat many of your diseases in this way
Can
Also if you tell by rajiv bhai
If you also follow the rules of Ayurveda, then this
Even more and quick benefits of triphala
It comes
Don’t eat these cubs like product burger, noodle, pizza etc.
The big reason to never eat riphā’īna oil
, always eat oil of cold mustard, coconut, peanut etc.
, use the broken salt.

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